करोना के ईस काल में ईसके इलाज और वैक्सीन को लेकर देश की चिकित्सा जगत में सबसे बड़ा विवाद शुरू हो गया। यह विवाद रामदेव बाबा एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच छिड़ा हुआ है । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में बाबा रामदेव पर राजद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है। जिसमें एक इंटरव्यू में बताया गया कि एलोपैथी से 10% गंभीर मरीजों का इलाज संभव हो पाया है। बाकी 90% योग आयुर्वेद से ठीक हुए हैं । इसी को लेकर डॉक्टरों एवं बाबा रामदेव में बहुत बड़ा विवाद छिड़ गया है । बाबा रामदेव का कहना है कि लाखों लोगों का इलाज डॉक्टरों ने किया है एवं उसकी जान बचाई है। यह दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है। ईस बीमारी से बचने का असली कारण सिर्फ योग नेचूरोपैथी में इलाज है । वही बाबा रामदेव ने कहा अगर सिर्फ सभी इलाज डॉक्टर ने ही किया है हम क्या भंडारा खाने के लिए आये हैं । बाबा रामदेव का कहना है कि 95 से 98% लोगों को हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं है ,वह ठीक हुए आयुर्वेद से योग से स्वस्थ जीवन शैली से ।
वहीं डॉक्टरों के अनुसार कहना है कि बाबा रामदेव पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए । जिसमें कहा गया कि स्वामी रामदेव देशद्रोही है तो देश भक्त कौन है। ।।यदि देश की सेवा करना ही देशद्रोही तो क्या देशभक्त है वह है जिनके तार कन वर्जन से जुड़े हैं । रामदेव बाबा का कहना है कि डॉक्टरों ने अपनी जान की बाजी लगाकर जान बचाई है मैंने डॉक्टरों की मौत का उपहास नहीं किया है
वही देखा जाए इस विवाद से बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों ने गिरफ्तारी की मांग की है । जिसमें बाबा रामदेव के खिलाफ (IMA) उतराखंड सरकार पहले ही 1000 करोड़ की मानहानि नोटिस भेज चुकी है। वहीं की ( IMA) की तरफ से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज मांग की।
कैसे हुआ इस विवाद की स्थिति शुरू
बताया जा रहा है बाबा रामदेव ने IMA के खिलाफ ऐसे वक्तव्य बोले गए थे जो डॉक्टरों को पसंद नहीं आया तो इसी की वजह से ईस विवाद की स्थिति शुरू हुआ
बाबा रामदेव के खिलाफ IMA के द्वारा चिट्ठी लिखी गई जिसमें मांग की गई अगर आप 15 दिनों के अंदर जो आरोप लगाए हैं उनको जी ने आपके द्वारा वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया था इस दुवयवहारी के लिए क्षमा मांगना होगा और यह भी बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में लगभग 2000 सदस्य हेतु पति सदस्य ₹50 लाख देना होगा।
कुछ समय पहले कोरोनावायरस को लेकर बाबा रामदेव के द्वारा coronil kit निकाला गया था ।जिसमें IMA ने कहा है इस किट को हटाना होगा । IMA के तरफ से कहा अगर इन सभी शर्तों को पूरा नहीं किया तो आपके ऊपर 1000 करोड़ की मानहानि केस दर्ज किया जाएगा । यहाँ तक हेल्थ मिनिस्टर डॉक्टर हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजा गया था उसमें कहा गया आप अपना का वक्तव्य वापस ले लीजिए। इसमें बाद बाबा रामदेव ने ट्विटर के जरिए पत्र वापस भी ले लिया था । यह वक्तव्य को वापस लेने के बाद बाबा रामदेव ने IMA एवं फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछ लिया गया जिसमें पूछा गया क्या आपके पास बीपी का परमानेंट इलाज है इसके अलावा अस्थमा एवं टीवी एवं चिकन पॉक्स का परमानेंट इलाज है ईसी तरह कई सवाल पूछे गया। बाबा रामदेव ने कहा अगर एलोपैथि सर्वगुण संपन्न है तो डॉक्टरों को बीमारी क्यों होती है। बाबा रामदेव के साथ साथ उसके शिष्य बालकृष्ण ने भी सवालों का पोटला पूछना शुरु कर दिया । अभी तक यह जानकारी मिली है कि बाबा रामदेव ने कहा में वैक्सीनेशन के विरोधी नहीं हूँ। पहले जरूरतमंदों को टीका लग जाए उसके बाद मेरे सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को टीका लगने के बाद खुद भी करोनारोधी वैक्सीन लगवाएंगे ।यहां तक कि यह भी बोले एलोपैथी मेडिकल कॉलेज खोलेंगे। बाबा रामदेव ने कहा एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों से कोई शिकायत नहीं । वह चिकित्सकों को धरती पर भगवान मानते हैं।